जिंदगी में अवसर और काम को निपटाने के साधन कई लोगों को समान रूप से उपलब्ध होने के बाद भी वे इसका लाभ नहीं उठा पाते और कुछ लोग उन्हीं स्थितियों में सफलता प्राप्त कर जाते हैं। केवल साधन होने पर सफल हो जाएं यह जरूरी नहीं होता।
साधनों के सहारे कामयाबी स्थायी भी नहीं रहती। इसके पीछे एक बड़ी शक्ति काम करती है और वह होती है आदमी की योग्यता। इसी को किसी ने प्रतिभा तो किसी ने मेधा कहा है। यदि आपने अपनी प्रतिभा को बचा लिया है और सही उपयोग करना आ गया है तो साधन और अवसर का आप पूरा लाभ उठा सकेंगे।
अच्छे स्वप्न देखें और बड़े दायित्वों को अपने ऊपर लेने की तैयारी हमेशा रखें। यदि सपने देखेंगे तो बड़े लक्ष्य भी गढ़ सकेंगे। लक्ष्य बड़े होंगे तो अपने पुरुषार्थ पर जोर देंगे। कई लोगों का जीवन बीत जाता है और उन्हें पता नहीं चल पाता कि उनका लक्ष्य क्या है।
हमेशा बड़े दायित्व अपने कंधों पर रखने की इच्छा मनुष्य को कर्मठ बनाती है। बड़ी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश न की जाए। हिंदुओं में अवतार की परंपरा को यदि बारीकी से देखें तो दायित्वबोध का अर्थ समझ में आ जाएगा।
ईश्वर अवतार लेकर लोकहित की बहुत बड़ी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता है और इसीलिए भगवान अपने भक्तों से यह अपेक्षा करते हैं कि जिम्मेदारियों से मुंह मत मोड़ना। सपने देखो और उसे जरूर पूरा करो। परहित भी तभी किया जा सकता है, जब हम सक्षम हों।
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